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गोंदिया को उसका सम्मान दिलाने भाजपा कार्यकर्ताओं को मंत्रीपद की आस…
जावेद खान।
गोंदिया। आजादी के बाद 1952 से अबतक हुए आम चुनाव में भाजपा ने गोंदिया विधानसभा सीट से कभी अपना खाता नहीं खोल पायी। वर्ष 1995 और 1999 में भले ही शिवसेना ने भाजपा के सहयोग से दो बार इस सीट से जनप्रतिनिधित्व किया पर भाजपा कमल खिलाने से वंचित रही।
भाजपा को ये मौका सिर्फ विनोद अग्रवाल से प्राप्त हुआ। 2014 के पूर्व ही 2012 में विनोद अग्रवाल ने गोंदिया नगर परिषद की सीट लड़ाकर यहां भाजपा को मजबूत किया। नगर परिषद में सत्ता बहाल की। विनोद अग्रवाल जिला परिषद के उपाध्यक्ष रहते हुए अपने अमिट कार्यो से जाने जाते रहे। गाँव की शाला हमारी शाला उनका ही उपक्रम था, जिसकी महाराष्ट्र सरकार ने वाहवाही की और इस पैटर्न को राज्य में लागू किया। उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देख उन्हें 2014 में भाजपा ने गोंदिया सीट से मौका दिया पर वे चुनाव में हार गए। हार के बाद विनोद अग्रवाल किंचित नही हुए उल्टा तेज रफ्तार से पूरे गोंदिया विधानसभा सीट पर नजर गड़ाकर हर गाँव मे भाजपा को मजबूत करने का कार्य किया और भाजपा को बेहतर रूप में खड़ा किया।
2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट फाइनल थी, परंतु कांग्रेस से तीन बार विधायक रहे गोपालदास अग्रवाल ने भाजपा में इंट्री कर ये टिकट हथिला ली। इस दौरान भाजपाइयों ने बेहद नाराजगी व्यक्त कर विनोद अग्रवाल को निर्दलीय खड़ा कर साथ दिया और उन्हें विजयीश्री दिलाकर भाजपा में आयतित गोपालदास अग्रवाल को पराजित करने का कार्य किया।
2024 में जब भाजपा ने विनोद अग्रवाल को टिकट देने का मन बना लिया तो आयतित नेता गोपालदास अग्रवाल वापस कांग्रेस में चले गए और कांग्रेस की टिकट से उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर आए। विनोद अग्रवाल को भाजपा की टिकट मिलने से भाजपा में खुशी थी। उनके विधायक रहते हुए किये गए सभी समाज वर्ग के लिए कार्य उल्लेखनीय रहे। मध्यप्रदेश की तर्ज पर लाडली बहन योजना को राज्य में लागू कराने का श्रेय भी उनके नाम है। हर गाँव में कृषि गोदाम, हर गाँव में महिला भवन, हर गाँव में वाचनालय, स्वास्थ्य केंद्र उनके उपक्रम रहे। जिसकी दखल सरकार ने भी ली और विनोद अग्रवाल की पीठ थपथपाई।
आज 2024 में इसी का प्रतिफल रहा कि विनोद अग्रवाल ने अपनी जिद्द, लोगों के दिलो में अपनी जगह बनाकर वो कर दिखाया जो 72 सालों में नही हुआ। जिस सीट से भाजपा का कमल कभी खिल नही पाया उस सीट पर विनोद अग्रवाल ने 61 हजार 608 मतों से रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज कर इतिहास कायम कर दिया। गोंदिया की राजनीति में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया।
अब सवाल ये उठता है कि, जिस गोंदिया विधानसभा सीट से पहली बार 72 सालों बाद कमल खिला हो उस कमल खिलाने वाले जनप्रतिनिधि का भाजपा, महायुति कैसे उसका अभिनंदन करना चाहिए.? भाजपा कार्यकर्ताओं की एक ही मांग है कि ऐसे दमदार, जनता के विधायक को आगामी सरकार में मंत्रिपद का दर्जा देकर गोंदिया को उसका सम्मान मिलना चाहिये।